🙏 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अयोध्या नगरी एक बार फिर अध्यात्म और आस्था के रंग में रंग गई। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में राम दरबार सहित कुल 21 देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद रहे और उन्होंने श्रीराम दरबार की आरती उतारी।
💠 यह आयोजन राम मंदिर ट्रस्ट और वैदिक आचार्यों के मार्गदर्शन में तीन दिनों तक चला, जिसका समापन 5 जून को अभिजीत मुहूर्त (11:25 AM – 11:40 AM) में किया गया।
📿 मंदिर के पहले तल में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की सुंदर संगमरमर मूर्तियाँ स्थापित की गईं। इसके अलावा सप्त ऋषियों, भक्त शबरी, निषादराज, देवी अहिल्या तथा छह पारंपरिक मंदिरों में अन्य देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा भी की गई।
📜 प्राचीनता और सांस्कृतिक महत्व:
अयोध्या का उल्लेख वाल्मीकि रामायण, स्कंद पुराण और कई अन्य ग्रंथों में मिलता है। यह भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है और यहीं से उन्होंने धर्म की स्थापना का संदेश दिया था। वर्षों की प्रतीक्षा के बाद 2024 में गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और अब 2025 में राम दरबार सहित सभी सहयोगी देवताओं की प्रतिष्ठा पूर्ण हुई।
🌸 विशेष मूर्तियाँ और स्थान:
- 🔹 राम दरबार: संगमरमर से बनी 51 इंच की राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान की मूर्तियाँ।
- 🔹 सप्त मंडपम: वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या।
- 🔹 परकोटा मंदिर: गणेश जी, सूर्य देव, माता अन्नपूर्णा, मां जगदंबा, शिवलिंग, पंचमुखी हनुमान।
🎵 भक्ति और उत्सव:
शाम को दीपों से जगमगाता मंदिर परिसर 'अवध में आज दिवाली है' भजन पर झूम उठा। भजन गायक सोमेश्वर महादेवन द्वारा प्रस्तुत संगीत से वातावरण भक्तिमय हो गया।
🎂 योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ:
🗣️ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ऐतिहासिक वक्तव्य
– योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
📌 निष्कर्ष:
यह प्राण प्रतिष्ठा न केवल राम मंदिर के निर्माण में एक और मील का पत्थर है, बल्कि भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी है। श्रीराम मंदिर अब और भी अधिक दिव्यता और श्रद्धा से परिपूर्ण हो गया है।